डायबिटीज के दौरान महिलाओं में देखे जा सकते हैं ये 5 लक्षण, नजरअंदाज करने से परेशानी होगी बड़ी
डायबिटीज क्या है?
डायबिटीज या शुगर एक खतरनाक बीमारी है जो हमारे शरीर के खून में ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करने में समस्या उत्पन्न करती है। जब हमारा शरीर इस रोग का सामना करता है, तो यह शुरू में आम तौर पर लक्षण नहीं दिखाता है।
डायबिटीज के प्रकार दो होते हैं - पहला है डायबिटीज मेलिटस (Type 1) और दूसरा है डायबिटीज नॉन-मेलिटस (Type 2)। शरीर में इंसुलिन के प्रति प्रतिक्रिया के कारण हो रही कमी के कारण Type 1 डायबिटीज होता है, जबकि Type 2 डायबिटीज अधिकतर उम्रदराज व्यक्तियों में होता है और यह ज्यादातर वजन, खान-पान और जीवनशैली के कारण होता है।
डायबिटीज को पहचानना मुश्किल हो सकता है क्योंकि यह शुरू में अस्वीकृत अवस्था में होता है। यह बीमारी जाँच कराने से पहले अक्सर नजर आने वाले लक्षणों की ख्याली महंती है।
डायबिटीज को नियमित जांचने में अहमियत है क्योंकि इससे समय रहते पहचान कर उपचार करने में सहायता मिलती है। आचार्य चरक ने भी कहा है, "दिनचर्या रत्रचर्यायां दिनरत्रौ परिश्रामः। लक्षणानि दुश्चिकित्सायाम् दुष्कृते क्रूरकर्मणि।।"
महिलाओं में डायबिटीज के लक्षण
वैसे, जब बात डायबिटीज के लक्षणों की होती है, तो यह बहुत जरूरी है कि हम समझें कि महिलाओं में ये कैसे व्यक्त हो सकते हैं।
एक पहचाने जाने वाला डायबिटीज का लक्षण है ज्यादा भूख और भूख अक्सर कम होने के बारे में भी सोचें। यह लक्षण आपकी आंतरिक तब्दीली का भी संकेत हो सकता है।
महिलाओं में डायबिटीज के अन्य शुरुआती लक्षण में से एक यह भी है की सामान्य चीजों में याद रखने में कठिनाई होने लगे। ये याद रखने में कठिनाई, आपकी दिनचर्या पर भी असर डाल सकती है।
कभी-कभी महिलाओं को डायबिटीज की शुरुआती चेतावनी के रूप में लगातार पेशाब जाने की अपेक्षा भी हो सकती है। पेशाब की इस प्रक्रिया में असामान्यता को नजरअंदाज न करें।
अगर आपने भी इन लक्षणों में से किसी को महसूस किया है, तो यह समय है की आप अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें और एक डॉक्टर से सलाह लें। डायबिटीज को शुरूआती अवस्था में पकड़ने से सबसे अच्छा होता है।
डायबिटीज के लक्षण को नजरअंदाज न करें
डायबिटीज के लक्षणों को नजरअंदाज न करें
डायबिटीज यानी शुगर एक खतरनाक बीमारी है और इससे बचाव के लिए नियमित जांच कराना जरूरी है। इसे ध्यान में रखते हुए उसके लक्षणों को अनदेखा न करना बहुत महत्वपूर्ण है।
डायबिटीज के लक्षणों में शामिल हैं अत्यधिक भूख और प्यास, अचानक वजन कम होना, थकान, अक्सर मूठी में खुजली और सूजन। इन लक्षणों को नजरअंदाज करना स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है।
महिलाओं में डायबिटीज के शुरुआती लक्षणों में से कुछ अवश्य हो सकते हैं, जिन्हें अनदेखा न करना चाहिए। मुझे इस बीमारी की चेतावनी से जुड़ी सभी महिलाओं से गुज़ारिश है कि वे अपनी सेहत को लेकर सतर्क रहें।
समय रहते उपचार कराने से हमारी सेहत में सुधार हो सकता है और हम अनेक समस्याओं से बच सकते हैं। इसलिए, डायबिटीज के लक्षणों को नजरअंदाज न करें और उचित उपचार की दिशा में कदम उठाएं।
इन सुझावों को ध्यान में रखते हुए, आप अपने स्वास्थ्य की देखभाल करें और डायबिटीज जैसे खतरनाक रोग से बचाव में उत्साहित रहें।
क्या करें जब अब पता चले लक्षण?
जब आपको डायबिटीज के लक्षण पता चले हैं, तो सबसे पहले डॉक्टर से मिलने का समय है। यदि आपको ब्लड शुगर लेवल जांचवाने की सलाह दी गई है, तो तुरंत जांच कराएं।
किसी भी विशेषज्ञ डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है। चिकित्सक आपके लिए सही उपचार योजना तैयार करेंगे और समस्या को सही दिशा में ले जायेंगे।
डायबिटीज के मरीज को सही खानपान और व्यायाम का खास ध्यान रखना चाहिए। स्वस्थ जीवनशैली अपनाने से रोगी की स्थिति में सुधार हो सकता है।
संभव हो तो अपने डॉक्टर से वर्तमान मेडिकल हिस्ट्री और दवाइयों की सही जानकारी साझा करें। इससे उपचार के दौरान और मेडिकेशन के चयन में मदद मिल सकती है।
सो, अगर आपको डायबिटीज के लक्षण पता चले हैं, तो घबराएं नहीं। पहले डॉक्टर से मिलें, सलाह लें, सही उपचार शुरू करें और स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं।
ध्यान दें: यह मात्र एक गाइड है, जिससे समय रहते डायबिटीज का सही उपचार हो सकता है।
संक्षेप
डायबिटीज के शुरुआती लक्षणों को अनदेखा न करें और समय रहते उपचार कराएं ताकि आपकी सेहत बनी रहे।
महिलाओं में डायबिटीज के शुरुआती लक्षणों की पहचान ज़िन्दगी को बेहद आसान बना सकती है। इन लक्षणों में शिकायतें जैसे बहुत ज़्यादा प्यास लगना, निरंतर थकान, मूत्राशय संक्रमण, वजन में अचानक कमी या बड़ने का अस्वीकारनीय बदलाव, त्वचा में खुजली या सूजन शामिल हो सकती हैं।
यदि आप में किसी भी लक्षण की ज़रा सी भी संकेत मिले तो बिना देर किए हुए डायबिटीज जाँच करवाने जाएं। महिलाएं ख़ासकर अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देने के लिए कोई भी कड़ी मेहनत कर सकती हैं। इसलिए, समय पर जाँच और सजगता ही है जो आपके लिए सेहतमंद ज़िन्दगी की कुंजी है।