logo
TALK TO AUGUST

खांसी और गले की खराश का रामबाण इलाज है मुलेठी, इन 3 तरीकों से करें इस्तेमाल

मुलेठी का इस्तेमाल क्यों करें

जब हम जूठी खांसी और गले में खराश के दर्द से परेशान होते हैं, तो मुलेठी एक अच्छा उपाय हो सकता है। मुलेठी एक प्राकृतिक उपचार है जिसके कई लाभ हैं।

मुलेठी में मौजूद एंटिऑक्सीडेंट्स और एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण खांसी और गले की खराश में राहत पहुंचाने में मददगार साबित हो सकते हैं।

मुलेठी को इस्तेमाल करने के लिए, एक कप पानी में मुलेठी की कुछ छोटी टुकड़ी डालें, उसे उबालें और फिर ठंडा होने दें। इस पानी को गरारे करने से गले की सूजन और खराश में आराम मिल सकता है।

मुलेठी की चाय भी खांसी और गले की खराश को दूर करने में मदद कर सकती है। इसके लिए, पानी में मुलेठी को उबालकर चाय के रूप में पिएं। यह चाय गले को सुखाने में मदद कर सकती है और खांसी को कम करने में सहायक हो सकती है।

इस तरह, मुलेठी का इस्तेमाल खांसी और गले की खराश से राहत प्रदान कर सकता है और स्वस्थ जीवनशैली को बनाए रखने में मदद कर सकता है।

मुलेठी के पानी से गरारे करें

मुलेठी के पानी से गरारे करें:

मुलेठी के पानी से गरारे करने का तरीका बहुत सरल है। एक कप पानी में मुलेठी की एक छोटी सी राख डालकर उसे उबालिए। उबालने के बाद, उसे ठंडा होने दें और इस पानी को गरमा गरम ही पीने का प्रयास करें।

मुलेठी के पानी से गरारा करने के फायदे भी अनेक हैं। इससे गले की खराश कम होती है और खांसी में आराम मिलता है। यह गले को तर करने में मदद करता है और साथ ही सांस लेने में भी आसानी पहुंचाता है।

इस सही तरीके से मुलेठी के पानी से गरारा करके आप खांसी और गले की खराश से राहत पा सकते हैं। इसे दिन में कई बार पीने से लाभ होता है।

नोट: इस उपाय का प्रयोग करने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह जरूर लें।

मुलेठी की चाय

मुलेठी की चाय एक शांत और सुखद व्यंजन है जिसे आप अपने दिन की शुरुआत के लिए अवश्य तैयार कर सकते हैं। इस चाय को बनाने के लिए आपको सिर्फ कुछ सामग्रियां और ठंडे पानी की जरुरत होगी। यह चाय न केवल स्वादिष्ट होती है, बल्कि इसमें मौजूद मुलेठी के गुण आपके शरीर के लिए भी फायदेमंद होते हैं।

मुलेठी की चाय का सेवन खांसी और गले की खराश में आराम पहुंचाने में मदद करता है। इसमें विशेष रूप से मौजूद एंटी-इन्फ्लैमेट्री गुण होते हैं जो आपके गले को सूजन से राहत पहुंचाते हैं।

इस चाय को बनाने के लिए, पानी की कढ़ाई में पानी को गरम करें और उसमें कुछ मुलेठी के पाउडर को डालें। इसे अच्छे से उबालने दें ताकि पानी का स्वाद एवं गुण सही मात्रा में आ जाएं।

मुलेठी की चाय को सेवन करते समय ध्यान रखें कि इसे ज्यादा मात्रा में न पीएं, क्योंकि अधिक मात्रा में लेने से उल्टे संकेत हो सकते हैं। इसे एक दिन में एक-दो बार पीना उचित है।

इस प्रकार, मुलेठी की चाय एक स्वास्थ्यवर्धक और सुस्त पेट को सुलाने वाली विकल्पिक विधि है जो आपको खांसी और गले की खराश से निजात दिलाने में सहायक हो सकती है।

संपूर्ण निष्कर्ष

मुलेठी का आदर्श उपयोग करने से खांसी और गले की खराश से राहत मिल सकती है। यह जानकर अच्छा लगता है कि प्राकृतिक औषधि से इतनी बड़ी मदद मिल सकती है। मुलेठी में मौजूद ग्लाब्रामिन नामक एंटीबैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण से यह खासी और गले की खराश में राहत प्रदान कर सकती है।

साथ ही, मुलेठी का सेवन करने से पूरे शरीर को लाभ पहुंचता है। इससे कफ निकलने में मदद मिलती है और साथ ही दिल के लिए भी यह फायदेमंद है।

इसके उपयोग से हमारी जीवनशैली को भी सही रखा जा सकता है। सुबह मुलेठी की चाय पीना दिन की शुरुआत के लिए बेहतर होता है। इससे पेट साफ रहता है और एंटीऑक्सीडेंट्स का स्रोत बनता है।

अगर खांसी और गले की खराश से छुटकारा पाना है, तो मुलेठी का इस्तेमाल करें। इससे न केवल आपको लाभ होगा, बल्कि आपकी जीवनशैली भी स्वस्थ और सकारात्मक बनेगी।

#मुलेठी#खांसी#गले की खराश#रामबाण इलाज#आयुर्वेदिक उपाय#हर्बल दवा#गरारा#चाय