बदलते मौसम में सर्दी-खांसी से बच्चा है परेशान, तो ये 5 घरेलू उपाय दिलाएंगे तुरंत आराम
खांसी-जुकाम के कारण
खांसी-जुकाम के कारण
बच्चों में सर्दियों में खांसी-जुकाम होने के कारण अलग-अलग हो सकते हैं। ये इन्फेक्शन या वायरल बीमारी के कारण हो सकते हैं। बच्चों की कमजोर इम्यून सिस्टम भी इसका मुख्य कारण हो सकता है।
शिशु को ठंड लगने, ठंडे पानी से गिरने, वायरल फीवर या इंफेक्शन होने पर खांसी-जुकाम हो सकता है। अगर बच्चे के खास एलर्जी या अस्थमा की समस्या है, तो जुकाम और खांसी अधिक हो सकती है।
खांसी-जुकाम के साइन्स ऑफ फीवर और बदहाली भी हो सकती है, जैसे की पेट दर्द, खाने में रुचि कम होना, चिड़चिड़ापन आदि।
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घरेलू उपाय 1: सरसों का तेल
शिशु की छाती पर सरसों के तेल से मालिश करने के फायदे और इसके उपयोग की विधि। सरसों का तेल एक प्राकृतिक उपाय है जो शिशुओं की सर्दी और खांसी में लाभकारी हो सकता है।
- सरसों के तेल में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो शिशु की छाती पर स्थानीय तरीके से लागू करने पर खांसी और जुकाम से राहत दिला सकते हैं।
- शिशु की छाती पर सरसों के तेल की ढेर सारी मालिश करने से उसकी छाती में अंदर जमी फेफड़ों में जमी कफ निकल सकता है और उसे सांस लेने में आसानी हो सकती है।
- मालिश के लिए, सरसों के तेल को हल्के हाथों से गरम करें और फिर शिशु की छाती पर हल्के हाथों से 5-10 मिनट तक पीटें। इससे उसके छाती की हड्डियों और मांसपेशियों को गर्मी और आराम मिलेगा।
- इस तरह की मालिश न केवल खांसी और जुकाम में राहत देगी, बल्कि शिशु को भी उसके छाती में सुख और आराम मिलेगा।
यह एक प्राकृतिक उपाय है जो बिना किसी साइड इफेक्ट के शिशु को राहत देने में मदद कर सकता है। लेकिन अगर शिशु की स्थिति गंभीर है, तो डॉक्टर से परामर्श ज़रूर लेना चाहिए।
घरेलू उपाय 2: हल्दी वाला दूध
हल्दी वाला दूध
हम सभी जानते हैं कि हल्दी और दूध में कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं। हल्दी वाला दूध शिशुओं की खांसी-जुकाम में वास्तव में कामयाब साबित हो सकता है।
हल्दी के लाभ:
- हल्दी में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो शिशु के इम्यून सिस्टम को मजबूत कर सकते हैं।
- खांसी और सर्दी में हल्दी काफी राहत प्रदान कर सकती है और शिशु को आराम मिल सकता है।
- हल्दी वाला दूध शिशु के गले में बैठे कफ को निकाल सकता है जो उन्हें आराम पहुंचाता है।
इसे तैयार करने की विधि:
- सामग्री:
- एक कप दूध
- आधा चमच हल्दी
- विधि:
- एक पॅन में दूध गरम करें।
- जब दूध गरम हो जाए, उसमें हल्दी डालें।
- अच्छे से मिलाएं ताकि हल्दी दूध में अच्छे से मिल जाए।
- इसे हल्दी का दूध तैयार हो जाने पर ठंडा करें और शिशु को पिलाएं।
हल्दी वाला दूध शिशु की सांस को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है और उन्हें सुखद नींद भी दिला सकता है। इसलिए, यदि आपके बच्चे को खांसी-जुकाम हो, तो हल्दी वाला दूध एक प्रभावी घरेलू उपाय हो सकता है।
घरेलू उपाय 3: गुनगुना पानी
गर्मियों में बच्चों को गुनगुना पानी पिलाने का एक अहम तरीका है जो उनकी सांस लेने में मददगार हो सकता है। गुनगुना पानी पिलाने से शिशु की सांसें खुल जाती हैं और वह आराम से सांस ले पाते हैं।
बच्चों को दिन में कीचड़े खिलाने से उनकी गले में खराश हो सकती है और सांस लेने में परेशानी हो सकती है। इस समस्या को दूर करने के लिए, आप बच्चे को गुनगुना पानी पिला सकते हैं।
गर्मियों में बच्चों को सप्ताह में कुछ बार गुनगुना पानी पिलाने से उनका शरीर स्वस्थ और ताजगी से भरा रहता है। यह उनकी सांस लेने में भी आराम प्रदान करता है।
गर्मियों में बच्चे को पॉपआर्टी पानी की बजाय गरम पानी पिलाने से उनका शारीरिक स्वास्थ्य और भी अच्छा रहता है। गुनगुना पानी पिलाने से उनकी पिटटी खुल जाती है और उन्हें सांस लेने में कोई परेशानी नहीं होती।
घरेलू उपाय 4: शहद
शहद शिशुओं की खांसी में एक अच्छा घरेलू उपाय है। शहद में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो शिशु के शरीर को सुरक्षा प्रदान करते हैं। खांसी में शहद के सेवन से शिशु को ठंडक मिलती है जो उनके गले को राहत पहुंचाती है।
शहद को देने की सही विधि यह है कि आप एक चमच शहद को गुगुल के साथ मिलाकर दे। मैं अक्सर अपने बच्चे को खांसी के समय रात को एक चमच शहद देती हूं जो उन्हें गले की खुजली में आराम प्रदान करता है।
शहद की मधुरता से शिशु को भी पसंद आती है और उन्हें इसे खाने में भी आनंद आता है। शहद के सेवन से शिशु की खांसी में सुधार आ सकता है लेकिन अगर कोई सेवन करते समय उन्हें जना हो तो डॉक्टर से पहले सलाह जरूर लेनी चाहिए।
इस तरह, शहद शिशुओं की खांसी में आराम प्रदान कर सकता है और उनकी समस्या में सुधार ला सकता है। यह एक प्राकृतिक और सुरक्षित तरीका है जो शिशुओं को आराम देने में मदद कर सकता है।
सारांश
शिशुओं को खांसी-जुकाम होने पर दवा देना ज्यादा सुरक्षित नहीं माना जाता है। लेकिन ऐसे कई घरेलू नुस्खे हैं, जिनकी मदद से शिशु को काफी राहत मिल सकती है।
अक्सर इस चर्चा में पहला नुस्खा है सरसों का तेल का उपयोग करने का। सरसों के तेल में एंटी-इन्फ्लेमेट्री गुण होते हैं, जो खांसी और जुकाम में लाभकारी साबित होते हैं। मैं भी अकसर इस्तेमाल करता हूं और मुझे इसके प्रभाव से बहुत सुकून मिलता है।
दूसरा घरेलू उपाय है हल्दी वाला दूध। हल्दी में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो बच्चों की खांसी और जुकाम में आराम प्रदान करते हैं। मैं इसे रोजाना देता हूं और बच्चों की सुरक्षा में इसका महत्व बहुत मानता हूं।
गर्मियों में शिशु को देना चाहिए गुनगुना पानी पीने का सुझाव। गरम पानी की तुलना में गुनगुना पानी पीने से खांसी से आराम मिलता है और सांस लेना भी आसान होता है। यह उपाय मैंने भी कई बार आजमाया है और इसके प्रभाव से प्रसन्न हूं।
शहद भी बच्चों की खांसी में लाभदायक होता है। शहद में एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो खांसी को ठंडक पहुंचाते हैं। मैं भी अपने बच्चों को इसे देता हूं और इसके प्रभाव से खुश हूं।
इन सर्वोत्तम घरेलू उपायों से बच्चों की सर्दी-खांसी से राहत मिल सकती है और उनकी सेहत में सुधार हो सकता है। सही समय पर, सही तरीके से उपाय करना बच्चों की सुरक्षा में सहायक हो सकता है।